जाने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में कौन है ज्यादा ताकतवर।
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who is powerful president or prime minister in india

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में कौन है ज्यादा ताकतवर।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में कौन है ज्यादा ताकतवर? भारत में संसदीय लोकतंत्र है, मतलब भारत की राजनीति का काम करने का तरीका संसद के सदस्यों के गठन के अनुसार किया जाता है, यहां पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों की ही अहम भूमिका रहती है।
लेकिन जनता का सवाल रहता है कि असल मे असली शक्ति/ताकत किसके पास होती है – राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री  तो आईए जानते है कौन है ज्यादा ताकतवर?

Table of Contents

राष्ट्रपति की ताकतें (Powers of the President)

भारत का नंबर – 1 नागरिक

भारत में राष्ट्रपति को प्रथम नागरिक के रूप में देखा जाता है। मतलब राष्ट्रपति कानून और संविधान के अनुसार भारत का NO.1 नागरिक होता है असान शब्दो मे राष्ट्रपति सबसे सम्मनित और सबसे बड़ा नागरिक होता है (Respected Citizen) होता है

राष्ट्रपति देश का सबसे बड़ा नेता होता है

और देश का मुखिया होता है, असान भाषाँ मे जैसे स्कुल का प्रींसीपल होता है बैसे ही राष्ट्रपति होता है, प्रिंसिपल का पद स्कुल मे सबसे बड़ा होता है बैसे ही राष्ट्रपति का  पद भी होता है।

राष्ट्रपति के काम (Duties of the President)

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति  में राष्ट्रपति कि ताकत

राष्ट्रपति अधिकतर औपचारिक (formal) काम करता है- उदारण-

० विदेशो में भारत की संस्कृति नीतियाँ, पहचान, और आवाज, को सामने रखता है



० संसद में भाषण देना

० नए मंत्रियों और प्रधान मंत्री को शपथ (Oath) दिलाते है। शपथ मतलब देश में जब कोई नया मंत्री या प्रधान मंत्री आता है, अपनी पदभार (Post) को सम्भालने के लिए तो राष्ट्रपति शपथ समारोह मे उन्हे शपथ दिलवाते है।

० शपथ में मंत्री या प्रधानमंत्री संविधान या इश्वर के शपथ लेता है, जैसे – में शपथ लेता हूं में संविधान और कानून का पालन करूंगा, में शपथ लेता हु में देश के प्रति निष्ठा और प्रेम रखूंगा  इस तरह से राष्ट्रपति शपथ दिलवाता है।

सेना का सर्वोच्च कमांडर कहलाना यहाँ (President as Supreme Commander)

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति  में राष्ट्रपति सेना का मुखिया होता है

राष्ट्रपति भारत की सेना के मुखिया होते है , असली काम जो दिन-प्रतिदिन के काम होते उन्हें उनका कंट्रोल प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के हाथ में होता है,

राष्ट्रपति का काम युद्ध खोसित करना, शान्ति का प्रस्ताव करना या सेना मे कोई बड़े अधिकारियों को चियान (Select) करना, ये सारे अधिकार राष्ट्र‌पति के नाम पर  होते है।

नए कानून

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति  में   प्रधानमंत्री की नहीं चलती कोट में

राज्य सभा और लोकसभा में जब कोई नया कानून बनता है तो वह कानून जब तक नही माना जाता, जब तक राष्ट्रपति उस कानून को मंजुरी नही दे देता (approval) नही दे देता।

राष्ट्रपति कि सबसे बड़ी ताकत

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में कौन है ज्यादा ताकतवर? यहां राष्ट्रपति कि सबसे बड़ी ताकत मृत्यू दण्ड की सजा वाले अपराधियो को माफी देना, क्षमादान देना। असान भाषा मे – राष्ट्रपति किसी अपराधी को मौत की सजा से बचा सकता है, यानी जिसको मृत्यू दण्ड कि सजा होती है उसके लिए सिर्फ राष्ट्रपति ही अख़िरी उपाय होता है।

राष्ट्रपति को राष्ट्रपति के पद से हटाना बहुत मुश्किल काम है, किसी भी व्यक्ति या संस्था के पास इसे सीधे हटाने का हक नहीं है।


राष्ट्र‌पति को हटाने के लिए महाभियोग (Impeachment) का उपयोग किया जाता है, महाभियोग की प्रक्रिया तब होती है, जब राष्ट्र‌पति पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप होता है,


महाभियोग प्रस्ताव रखने के लिए लोकसभा या राज्यसभा में से कोई भी प्रस्ताव रख सकता है, प्रस्ताव रखने के लिए सदन के एक चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर जरूरी होते है।

अगर आरोप सही साबित हो जाता है तो फिर दोनों सदनों द्वारा 2 तिहाई बहुमत से प्रस्ताव रखा जाएगा तभी राष्ट्रपति को हटाया जाता है।

आसान भाषा में – अगर लोकसभा में 300 लोग है तो
इसका 2 तिहाई 200 लोग होंगे।

राज्य सभा में 450 लोग है तो इसका 2 तिहाई
300 लोग होंगे।

राज्यसभा और लोकसभा में जितने लोग मौजूद रहते उनके 2 तिहाई बोट देने से प्रस्ताव पास हो जाता है।


मानलो राज्य सभा में कुल 545 सदस्य है ,
और संसद में 450 लोग ही मौजूद है तो 450 का 2 तिहाई बोट से ही प्रस्ताव पास हो जाए, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में यही लागू होता है।

राष्ट्र‌पति का चुनाव (प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति )

राष्ट्र‌पति का चुनाव आम जनता नही करती ससंद
के दोनों सदन राज्य सभा और लोकसभा के सदस्य, राष्ट्र की राजधानी दिल्ली क्षेत्र शासित क्षेत्र, पुदुचेरी के सदस्य और राज्यों की विधान सभाएं मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते है।



राष्ट्रपति बनने के लिए कोई भी पार्टी से जुड़े रहने की जरूरत नही होती – राजनीतिक पार्टी  जैसे BJP.- Congress और इनका सदस्य होना जरूरी नहीं होता।


कोई भी भारत का  आम नागरिक राष्ट्रपति बन सकता है, शर्ते है कि जो संविधान में शर्ते  हैं उनकी पूर्ति करता हो, चाहे फिर वह किसी पार्टी से जुड़ा हो या नही, कोई फरक नहीं पढता।

आपातकाल के समय में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कौन करेगा घोषणा

आपातकाल में राष्ट्र‌पति के ही पास आपातकाल स्थिति घोषित करने की शक्ति होती है मतलब अगर देश में बहुत गंभीर पस्थिति आ जाए तब राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा कर सकता है लेकिन प्रधानमंत्री नहीं ।
जैसे –

देश पर दुस्मन देश का हमला हो जाए या कीसी की राज्य मे सरकार ठीक से काम नही कर रही हो, देश में अतंरीक अशांति। ऐसे में आपातकाल लागा जाया सकता है।

स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र
प्रसाद थे 26 जनवरी 1950 को पहली बार राष्टपति बने थे।

प्रधानमंत्री की ताकत

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति  में  प्रधानमंत्री की ताकतें

who is powerful president or prime minister कौन है सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के कार्यपालिका का सबसे बड़ा नेता होता है, और देश के सबसे ताकत बार व्यक्ति होता है, कार्यपलिका का मतलब होता

देश में काम करने वाला एक हिस्सा जो सभी तरह के काम करता है जैसे देश मे नई नितियाँ लागू करना नए कानून, योजनाएं जैसी चिजों पर ध्यान देना।

और इसमें प्रधानमन्त्री तय करता है देश मे कौन सा काम कब होगा कोन सी निति बनेंगी और सरकार किस तरह चलानी है ये सब प्रधानमंत्री के हाथों में होता है।

प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद और  मंत्री मन्डल का मुखिया होता है।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति  में  प्रधानमंत्री मंत्री मन्डल का मुखिया

मंत्रिपरिषद में कई सारे मिनिस्टर होते है जैसे, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री,

और ये सब मंत्री मे से कुच्छ मंत्री, मंत्रीमंडल बनाते है, (Cabinet) और इसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है।

और मुखिया ही तय करता है कौन सा मंत्री किस विभाग को सम्भालेगा, क्या क्या योजनाएं देगा,और ये सब मुखिया के सामने ही तय होता है अथवा मुखिया ही कामों को करने  का अखिरी फैसला देता है और लेता  है। आसान भाषा में प्रधानमंत्री इस मंत्रिमंडल का बॉस होता है।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कोर्ट के मामले में दोनों कुछ नहीं कर सकते।

न्यायपलिका जैसे मामलो मे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का कोई हाथ नहीं होता मतलब अदालते (Court) अपने फेसले संविधान और कानून के हिसाब से सुनाती है।

लोकसभा के सांसद मिलकर प्रधानमंत्री को हटा सकते है

ऐसा तब होगा जब अधिकतर सासंद को यह लगने लागे कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार ठीक से काम नहीं कर रही है। तो वो एक अविश्वास प्रस्ताव (no-confidence motion) ला सकते है और इसमे बहुमत से प्रधानमंत्री को हटाने की अनुमति मिल जाए तो प्रधानमंत्री को अपनी Post/पद से त्यागपत्र/ इस्तीफा देना पढ़ता है।

भारत के राष्ट्र‌पति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति  में  प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करते है

आसान भाषा मे आम चुनाव मे जीतकर आने वाली पार्टी को या गठबंधन (Alliane) के नेता को राष्ट्रपति बुलाते है और उसे प्रधानमंत्री के रूप में चुनते है और शपथ दिलवाते है।

प्रधानमंत्री उसी पार्टी का रहता जिस पार्टी या गठबंधन ने  बहुमत से चुनाव जीता हो, हम जो लोकसभा के चुनाव मे जनता सांसद (MP) को बोट डालते है उसी से ही प्रधानमंत्री चुना जाता है।

आपातकालीन की घोषणा

आपातकाल में प्रधानमंत्री आपातकाल का एलान नही कर सकता।

स्वतंत्र भारत “के ” पहले प्रधानमंत्री जबाहर लाल नेहरू थे

15 अगस्त 1947 में प्रधानमंत्री बने और 1964 मे मृत्यू के समय भी वह प्रधानमंत्री थे।

अब आपको पता चल ही गया होगा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में से कौन ज्यादा ताकतवर है, प्रधानमंत्री बॉस की तरह होता जिसके पास देश में कुछ भी करना हो वो कर सकता है यह उसकी ताकत रहती है।  राष्ट्रपति स्कूल के प्रिंसिपल के तरह होता जिसके पास ज्यादा नहीं लेकिन बड़ी बड़ी दिक्कतो का सामना करने की ताकत होती है। who is powerful president or prime minister in india के

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